फंडामेंटल ऑफ़ कंप्यूटर Unit 3rd (PGDCA/DCA/BCA )

 फंडामेंटल ऑफ़ कंप्यूटर  Unit 3rd

फंडामेंटल ऑफ़ कंप्यूटर  Unit 3rd
फंडामेंटल ऑफ़ कंप्यूटर  Unit 3rd


    आउटपुट डिवाइस

    आउटपुट डिवाइस का उपयोग कंप्यूटर से सॉफ्टकॉपी या हार्ड कॉपी में जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जाता है आउटपुट डिवाइस का उपयोग कंप्यूटर से संसाधित की गई जानकारी को आउटपुट करने के लिए किया जाता है। आउटपुट डिवाइस यूएसबी, वीजीए केबल आदि जैसे विभिन्न कनेक्टर का उपयोग करके कंप्यूटर से जुड़े होते हैं

    आउटपुट डिवाइस
    आउटपुट डिवाइस

    आउटपुट डिवाइस की श्रेणियाँ

    आउटपुट के अनुसार इन उपकरणों को निम्नलिखित श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है

    1. सॉफ्ट कॉपी आउटपुट डिवाइस


             मॉनिटर/प्रोजेक्टर

    2. हार्ड कॉपी आउटपुट डिवाइस

            प्रिंटर/प्लॉटर

    3. ऑडियो/वीडियो आउटपुट डिवाइस

            स्पीकर/हेडफ़ोन/मॉनिटर



    मॉनिटर्स का प्रकार (एनालॉग/डिजिटल)

    मॉनिटर्स का प्रकार
    मॉनिटर्स का प्रकार 
     
    मॉनिटर का आविष्कार 1897 में कार्ल फर्डिनेंड ब्रौन द्वारा किया गया था।

    ·कंप्यूटर मॉनीटर या कंप्यूटर डिस्प्ले कंप्यूटर के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक विज़ुअल डिस्प्ले है।

    ·कंप्यूटर मॉनिटर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो कंप्यूटर के लिए चित्र दिखाता है। मॉनिटर अक्सर टेलीविज़न के समान दिखते हैं।

     

    मॉनिटर तीन प्रकार के होते हैं:

    1. सी.आर.टी मॉनिटर

    2. एल.सी.डी मॉनिटर

    3. एल.ई.डी. मॉनिटर


    सीआरटी मॉनिटर्स

    सबसे पुराने कंप्यूटर मॉनिटर कैथोड रे तकनीक पर काम करते हैं। जब कोन्नेक्टेर पिन द्वारा करंट को इलेक्ट्रान गन पर दिया जाता हे तब इलेक्ट्रॉन्स , गन पर एकत्रित होना शरु हो जाते हे एक समय एसा आता हे की इलेक्ट्रान गन फुल हो जाती हे ,तब इलेक्ट्रान fire होते हे और focusing सिस्टम एवं x-deflect, Y-deflect से होता हुआ phosphor स्क्रीन  से टकराता हे और इसी तरह स्क्रीन पर लाखो की संख्या में इलेक्ट्रान स्क्रीन पर टकराते हे और इमेज को फॉर्म करते हे सर्वोत्तम परिणाम सुनिश्चित करने के लिए, मॉनिटर का लम्बा पिछला भाग सामने और कैथोड गन के बीच आवश्यक दूरी को समायोजित करता है।
    सीआरटी मॉनिटर्स
    सीआरटी मॉनिटर्स


    एलसीडी मॉनिटर्स

    लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले (एलसीडी) एक फ्लैट पैनल डिस्प्ले तकनीक है जो संचालन के प्राथमिक मोड के लिए लिक्विड क्रिस्टल पर निर्भर करती है। एलसीडी तकनीक की कार्यप्रणाली में प्रकाश को अवरुद्ध करना शामिल है। संक्षेप में, एक एलसीडी का निर्माण दो ध्रुवीकृत ग्लास(polarized glass) घटकों (जिन्हें सब्सट्रेट कहा जाता है) से किया जाता है । एक बैकलाइट प्रकाश उत्सर्जित करती है जो प्रारंभिक सब्सट्रेट से गुजरती है। समवर्ती रूप से, विद्युत धाराएं लिक्विड क्रिस्टल अणुओं के संरेखण (alignment )को प्रेरित करती हैं, जिससे दूसरे सब्सट्रेट में अलग-अलग डिग्री के प्रकाश संचरण की अनुमति मिलती है, जिसके परिणामस्वरूप रंगों और छवियों का निर्माण होता है जो देखने योग्य होते हैं।

    एलसीडी मॉनिटर्स
    एलसीडी मॉनिटर्स

    एलईडी मॉनिटर्स

    प्रकाश उत्सर्जक डायोड, या एलईडी, एक ऐसी तकनीक है जिसका उपयोग मॉनिटर डिस्प्ले में किया जाता है जहां प्रकाश स्रोत LED से बना होता है। यह तकनीक उपयोग स्मार्टफोन, टैबलेट, लैपटॉप, कंप्यूटर मॉनिटर और टेलीविजन जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में किया जाता है। एक एलईडी टीवी मूलतः एक प्रकार का एलसीडी टीवी है जिसमें सीसीएफएल के बजाय बैकलाइट के रूप में एलईडी होती है। एक क्रांतिकारी उत्पाद हे , वे मूल रूप से एलईडी बैकलाइट के साथ एलसीडी टीवी का एक विशेष रूप हैं। जब तस्वीर की गुणवत्ता की बात आती है, तो सीसीएफएल एलसीडी टीवी स्क्रीन और एलईडी टीवी के बीच कोई महत्वपूर्ण असमानता नहीं होती है।
    एलईडी मॉनिटर्स
    एलईडी मॉनिटर्स

    प्रोजेक्टर

    प्रोजेक्टर एक ऑप्टिकल डिवाइस है जो कंप्यूटर, डीवीडी प्लेयर, ब्लू-रे प्लेयर, या अन्य वीडियो स्रोत से वीडियो सिग्नल प्राप्त करके उसे बड़ी स्क्रीन या सतह पर प्रदर्शित करता है। यह शिक्षा, व्यवसाय, मनोरंजन और सार्वजनिक प्रस्तुतियों में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।

    प्रोजेक्टर सामान्य कार्यप्रणाली:

    सिग्नल इनपुट: प्रोजेक्टर HDMI, VGA, USB, या वायरलेस कनेक्शन के माध्यम से वीडियो स्रोत से कनेक्ट होता है।
    वीडियो प्रोसेसिंग: प्रोजेक्टर का इंटर्नल प्रोसेसर वीडियो सिग्नल को प्रोसेस करता है और उसे डिस्प्ले के लिए तैयार करता है।
    प्रोजेक्शन: प्रकाश स्रोत (लैंप, एलईडी, या लेज़र) प्रकाश उत्पन्न करता है, जिसे लेंस सिस्टम के माध्यम से स्क्रीन पर प्रोजेक्ट किया जाता है।
    फोकस और जूम: स्क्रीन पर इमेज को सही आकार और फोकस में लाने के लिए प्रोजेक्टर की फोकस और जूम सेटिंग्स को एडजस्ट किया जाता है।
    प्रोजेक्टर
    प्रोजेक्टर

    प्रोजेक्टर के उपयोग:

    1. शिक्षा: कक्षाओं में इंटरैक्टिव शिक्षण और प्रस्तुतियों के लिए।
    2. कार्यालय: मीटिंग्स और बिजनेस प्रेजेंटेशन्स में।
    3. मनोरंजन: होम थिएटर सेटअप में फिल्में देखने के लिए।
    4. सार्वजनिक प्रदर्शन: इवेंट्स, सेमिनार, और कांफ्रेंस में।

    प्रोजेक्टर के फायदे:

    - बड़ा डिस्प्ले: बड़ी स्क्रीन पर वीडियो और चित्र दिखाने की क्षमता।
    - विविधता: विभिन्न प्रकार के इनपुट स्रोतों से कनेक्टिविटी।
    - पोर्टेबिलिटी: हल्के और पोर्टेबल मॉडल उपलब्ध हैं।
    - एडजस्टेबल स्क्रीन साइज: प्रोजेक्शन का आकार आवश्यकता अनुसार बदला जा सकता है।

    प्रोजेक्टर के नुकसान:

    - लागत: उच्च गुणवत्ता वाले प्रोजेक्टर महंगे हो सकते हैं।
    - लाइटिंग कंडीशन: प्रोजेक्टर की कार्यक्षमता पर आसपास की रोशनी का प्रभाव पड़ता है।
    - रखरखाव: बल्ब और अन्य घटकों का नियमित रखरखाव आवश्यक है।
    - स्थापना: कुछ प्रोजेक्टरों की इंस्टॉलेशन प्रक्रिया जटिल हो सकती है।


    प्रोजेक्टर विभिन्न सेटिंग्स में बहुमुखी उपयोग के लिए एक उत्कृष्ट उपकरण है, चाहे वह शिक्षा, व्यवसाय, या मनोरंजन के लिए हो। सही प्रोजेक्टर का चुनाव करने के लिए अपनी विशिष्ट आवश्यकताओं और बजट पर विचार करें।

    वीडियो कार्ड

    वीडियो कार्ड, जिन्हें ग्राफिक्स कार्ड या डिस्प्ले एडाप्टर भी कहा जाता है, कंप्यूटर के महत्वपूर्ण घटक होते हैं जो छवियों, वीडियो, और ग्राफिकल उपयोगकर्ता इंटरफेस का रेंडरिंग संभालते हैं। वे विभिन्न मानकों और विनिर्दिष्टताओं में आते हैं ताकि विभिन्न डिस्प्ले रेजोल्यूशन और प्रदर्शन स्तरों को समायोजित किया जा सके। यहां VGA, SVGA, XVGA, और WXGA मानकों की संक्षिप्त जानकारी है:

    1. VGA (वीडियो ग्राफिक्स एरे):

       - रेजोल्यूशन: VGA एक पुराना मानक है जिसकी अधिकतम रेजोल्यूशन 640x480 पिक्सेल्स होती है।
       - रंग का गहराई: सामान्यत: 16 रंग या 256 रंग का समर्थन करता है।
       - कनेक्शन: पुराने मॉनिटर और वीडियो कार्ड पर पाया जाने वाला 15-पिन VGA कनेक्टर का उपयोग करता है।
       - उपयोग: VGA 1980 और 1990 के दशकों में प्रसिद्ध था, लेकिन उच्च-रेजोल्यूशन स्तरों के लिए अब इसे अधिक उत्कृष्ट मानकों ने बदल दिया है।

    2. SVGA (सुपर वीडियो ग्राफिक्स एरे):

       - रेजोल्यूशन: SVGA VGA की तुलना में उच्च रेजोल्यूशन उपलब्ध कराता है, सामान्यत: 800x600 या 1024x768 पिक्सेल्स तक।
       - रंग का गहराई: 16-बिट या 24-बिट रंग का समर्थन करता है।
       - कनेक्शन: VGA की तरह ही 15-पिन VGA कनेक्टर का उपयोग करता है।
       - उपयोग: SVGA मिड-1990 के दशक में प्रसिद्ध हुआ और ग्राफिक्स-संबंधित एप्लिकेशन्स के लिए VGA की तुलना में महत्वपूर्ण सुधार था।

    3. XVGA (विस्तृत वीडियो ग्राफिक्स एरे):

       - रेजोल्यूशन: XVGA SVGA के स्तर को आगे बढ़ाता है, उच्च रेजोल्यूशन, जैसे कि 1280x1024 पिक्सेल्स तक।
       - रंग का गहराई: सामान्यत: 24-बिट रंग का समर्थन करता है।
       - कनेक्शन: 15-पिन VGA कनेक्टर का ही उपयोग करता है।
       - उपयोग: XVGA पेशेवर एप्लिकेशन्स और उच्च-गति वाले गेमिंग के लिए प्रोफेशनल क्षेत्रों में व्यापक रूप से प्रयोग किया जाता है।

    4. WXGA (वाइड विस्तृत ग्राफिक्स एरे):

       - रेजोल्यूशन: WXGA का मानक आमतौर पर 1280x800 पिक्सेल्स का होता है, लेकिन कई अन्य विशेषज्ञताओं के साथ उपलब्ध है
      - रंग का गहराई: सामान्यत: 24-बिट रंग का समर्थन करता है।
       - कनेक्शन: 15-पिन VGA कनेक्टर का ही उपयोग करता है।
      - उपयोग: ज्यादातर मल्टीमीडिया कंप्यूटिंग, वीडियो प्लेबैक, गेमिंग, और अन्य मनोरंजनिक कार्यक्रमों में किया जाता है।

    वीडियो कार्ड
    वीडियो कार्ड

    प्रिंटर

    प्रिंटर एक आउटपुट डिवाइस है जो डिजिटल डेटा को कागज पर टेक्स्ट और ग्राफिक्स के रूप में प्रिंट करता है। विभिन्न प्रकार के प्रिंटर विभिन्न जरूरतों को पूरा करते हैं, जैसे दस्तावेज़ प्रिंटिंग, फोटो प्रिंटिंग, और बड़े प्रारूप की प्रिंटिंग। यहाँ प्रमुख प्रकार के प्रिंटरों का संक्षिप्त विवरण दिया गया है:

    प्रिंटर दो मुख्य प्रकारों में विभाजित किए जा सकते हैं: इम्पैक्ट प्रिंटर और नॉन-इम्पैक्ट प्रिंटर। इन दोनों प्रकारों में प्रिंटिंग की विधि और उपयोग में विभिन्नताएँ होती हैं।

    इम्पैक्ट प्रिंटर (Impact Printers)

    इम्पैक्ट प्रिंटर वे प्रिंटर होते हैं जो कागज पर अक्षरों और चित्रों को बनाने के लिए किसी न किसी प्रकार की भौतिक टक्कर (इम्पैक्ट) का उपयोग करते हैं।

    नॉन-इम्पैक्ट प्रिंटर (Non-Impact Printers)

    नॉन-इम्पैक्ट प्रिंटर वे प्रिंटर होते हैं जो कागज पर प्रिंटिंग के लिए किसी भी प्रकार की भौतिक टक्कर का उपयोग नहीं करते हैं। इनमें आमतौर पर इलेक्ट्रॉनिक, थर्मल या लेजर तकनीकों का उपयोग होता है।

    तुलना:

    गुण                                             इम्पैक्ट प्रिंटर                     नॉन-इम्पैक्ट प्रिंटर
    प्रिंटिंग विधि                             टक्कर का उपयोग     बिना टक्कर के
    शोर                                             उच्च                             निम्न
    गति                                             धीमी                             तेज
    गुणवत्ता                                     मध्यम                             उच्च
    मल्टीपार्ट फॉर्म्स                     सक्षम                             असक्षम
    रखरखाव                                     अधिक                             कम

    प्रिंटर एवं उनके प्रकार
    प्रिंटर एवं उनके प्रकार 

    डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर

    डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर एक इम्पैक्ट प्रिंटर है जो कागज पर अक्षर और चित्र बनाने के लिए एक प्रिंट हेड का उपयोग करता है जिसमें छोटी पिनें होती हैं। यह पिनें एक रिबन के माध्यम से कागज पर चोट करती हैं, जिससे डॉट्स की एक मैट्रिक्स बनती है। यह प्रिंटर मुख्य रूप से निम्नलिखित विशेषताओं और उपयोगों के लिए जाना जाता है:
    डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर
    डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर

    डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर का कार्य करने का तरीका:

    1. प्रिंट हेड मूवमेंट: प्रिंट हेड, जिसमें पिनें लगी होती हैं, कागज के ऊपर से दाएं-बाएं मूव करता है।
    2. पिन इम्पैक्ट: प्रिंट हेड की पिनें रिबन के माध्यम से कागज पर चोट करती हैं, जिससे डॉट्स बनते हैं।
    3. डॉट्स का संयोजन: ये डॉट्स अक्षरों, संख्याओं और ग्राफिक्स का रूप लेते हैं।
    4. रिबन और कागज फीड: रिबन और कागज स्वचालित रूप से आगे बढ़ते हैं, जिससे निरंतर प्रिंटिंग होती है।


    डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर का कार्य करने का तरीका
    डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर का कार्य करने का तरीका


    डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर के प्रकार:

    1. 9-पिन डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर: इसमें 9 पिनें होती हैं और यह कम रिज़ॉल्यूशन पर प्रिंट करता है।
    2. 24-पिन डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर: इसमें 24 पिनें होती हैं और यह उच्च रिज़ॉल्यूशन पर प्रिंट करता है।

    डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर के फायदे:

    - मजबूती और टिकाऊपन: ये प्रिंटर बहुत मजबूत होते हैं और कठोर वातावरण में भी काम कर सकते हैं।
    - कार्बन कॉपी प्रिंटिंग: एक ही समय में कई कॉपी बनाने में सक्षम होते हैं।
    - कम संचालन लागत: रिबन कार्ट्रिज सस्ते होते हैं और लंबे समय तक चलते हैं।
    - कागज की विविधता: विभिन्न प्रकार के कागजों पर प्रिंट करने में सक्षम होते हैं, जिसमें मल्टीपार्ट फॉर्म्स शामिल हैं।

    डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर के उपयोग:

    - लेजर बुक्स और इनवॉइस: व्यवसायों में बुक कीपिंग और इनवॉइस प्रिंट करने के लिए।
    - बैंकिंग: ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड प्रिंट करने के लिए।
    - शिपिंग और लॉजिस्टिक्स: बिल ऑफ लेडिंग और शिपिंग लेबल प्रिंट करने के लिए।
    - हॉस्पिटल्स: मेडिकल रिकॉर्ड्स और बिले प्रिंट करने के लिए।

    डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर के नुकसान:

    - प्रिंट गुणवत्ता: अन्य प्रिंटर की तुलना में प्रिंट की गुणवत्ता कम होती है।
    - शोर: प्रिंटिंग प्रक्रिया के दौरान बहुत शोर होता है।
    - धीमी गति: आधुनिक प्रिंटर की तुलना में प्रिंटिंग गति धीमी होती है।

    डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर अपनी मजबूती और कार्बन कॉपी प्रिंटिंग की क्षमता के कारण आज भी कई क्षेत्रों में उपयोग किए जाते हैं, हालांकि उनकी प्रिंट गुणवत्ता और शोर के कारण उनका उपयोग आधुनिक कार्यालयों में सीमित हो गया है।

    इंकजेट प्रिंटर

    इंकजेट प्रिंटर एक लोकप्रिय प्रकार का प्रिंटर है जो छोटे-छोटे इंक ड्रॉपलेट्स का उपयोग करके कागज पर टेक्स्ट और इमेज प्रिंट करता है। ये प्रिंटर घरेलू और कार्यालय उपयोग दोनों के लिए उपयुक्त हैं, और इन्हें रंगीन और ब्लैक एंड व्हाइट प्रिंटिंग दोनों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

    इंकजेट प्रिंटर
    इंकजेट प्रिंटर

    इंकजेट प्रिंटर का कार्य करने का तरीका:

    1. डेटा रिसीविंग: कंप्यूटर से प्रिंट डेटा रिसीव करता है।
    2. प्रिंट हेड मूवमेंट: प्रिंट हेड, जिसमें छोटे नोजल होते हैं, कागज के ऊपर से आगे-पीछे मूव करता है।
    3. इंक स्प्रेयिंग: नोजल्स से इंक की छोटी-छोटी बूंदें कागज पर स्प्रे की जाती हैं, जिससे डिज़ायर पैटर्न बनता है।
    4. ड्राइंग: इंक जल्दी सूख जाता है, जिससे क्लियर और शार्प प्रिंट आउट होता है।
    5. ऑउटपुट: प्रिंटेड कागज को आउटपुट ट्रे में जमा किया जाता है।

    इंकजेट प्रिंटर के प्रकार:

    1. सिंगल फंक्शन इंकजेट प्रिंटर: केवल प्रिंटिंग के लिए।
    2. मल्टीफंक्शन इंकजेट प्रिंटर: प्रिंटिंग के अलावा स्कैनिंग, कॉपी और फैक्स की सुविधा भी प्रदान करता है।

    इंकजेट प्रिंटर के फायदे:

    - उच्च गुणवत्ता वाले प्रिंट्स: विशेष रूप से फोटोग्राफ और रंगीन दस्तावेजों के लिए उपयुक्त।
    - लागत प्रभावी: शुरुआती खरीद और संचालन में कम लागत।
    - कॉम्पैक्ट आकार: छोटे आकार के कारण घर और छोटे कार्यालयों के लिए उपयुक्त।
    - विविधता: विभिन्न प्रकार के कागज और सामग्री पर प्रिंट कर सकते हैं।

    इंकजेट प्रिंटर के उपयोग:

    - घरेलू उपयोग: फोटोग्राफ, प्रोजेक्ट्स, और व्यक्तिगत दस्तावेज़ प्रिंट करना।
    - कार्यालय: रंगीन प्रेजेंटेशन, रिपोर्ट और मार्केटिंग सामग्री प्रिंट करना।
    - शैक्षिक संस्थान: असाइनमेंट, नोट्स और चार्ट प्रिंट करना।
    - कला और डिजाइन: उच्च गुणवत्ता वाले आर्ट प्रिंट्स और डिज़ाइन प्रिंट करना।

    इंकजेट प्रिंटर के नुकसान:

    - स्लो स्पीड: लेज़र प्रिंटर की तुलना में धीमे होते हैं।
    - इंक खर्च: इंक कार्ट्रिज महंगे हो सकते हैं और जल्दी खत्म हो सकते हैं।
    - मेन्टेनेन्स: इंकजेट नोजल्स को साफ रखना आवश्यक होता है, वरना वे बंद हो सकते हैं।

    इंकजेट प्रिंटर अपनी उच्च प्रिंट गुणवत्ता और कम प्रारंभिक लागत के कारण व्यापक रूप से उपयोग किए जाते हैं, विशेष रूप से रंगीन प्रिंटिंग की जरूरतों के लिए।

    लेज़र प्रिंटर

    लेज़र प्रिंटर एक उच्च-गति, उच्च-गुणवत्ता वाली प्रिंटिंग डिवाइस है जो डिजिटल छवियों और टेक्स्ट को कागज पर प्रिंट करने के लिए लेज़र तकनीक का उपयोग करता है। यह प्रिंटर मुख्य रूप से कार्यालयों और व्यवसायिक उपयोग के लिए लोकप्रिय है क्योंकि यह तेज, सटीक और किफायती प्रिंटिंग प्रदान करता है।
    लेज़र प्रिंटर
    लेज़र प्रिंटर

    लेज़र प्रिंटर का कार्य करने का तरीका:

    1. डेटा रिसीविंग: कंप्यूटर से प्रिंट डेटा को रिसीव करता है।
    2. लेज़र स्कैनिंग: लेज़र बीम को शीघ्रता से एक फोटोसेंसिटिव ड्रम पर स्कैन करता है, जिससे इलेक्ट्रोस्टैटिक चार्ज बनता है।
    3. टोनर एप्लीकेशन: टोनर (सूखा इंक) चार्ज किए गए क्षेत्रों पर चिपकता है।
    4. इमेज ट्रांसफर: ड्रम से टोनर को कागज पर ट्रांसफर किया जाता है।
    5. फ्यूजिंग: कागज को गर्म किया जाता है, जिससे टोनर स्थायी रूप से कागज पर फ्यूज हो जाता है।
    6. ऑउटपुट: अंत में, प्रिंटेड कागज को आउटपुट ट्रे में जमा किया जाता है।

    लेज़र प्रिंटर के प्रकार:

    1. मोनोक्रोम लेज़र प्रिंटर: केवल काले रंग में प्रिंट करता है।
    2. कलर लेज़र प्रिंटर: चार टोनर (सियान, मैजेंटा, येलो, और ब्लैक) का उपयोग करके रंगीन प्रिंट करता है।

    लेज़र प्रिंटर के फायदे:

    - गति: यह अन्य प्रिंटर की तुलना में बहुत तेज प्रिंट करता है।
    - गुणवत्ता: प्रिंट की गुणवत्ता बहुत उच्च होती है, विशेषकर टेक्स्ट और ग्राफिक्स में।
    - लागत प्रभावी: बड़े मात्रा में प्रिंटिंग के लिए किफायती होता है।
    - धीरज: यह लंबे समय तक उच्च प्रदर्शन और विश्वसनीयता प्रदान करता है।

    लेज़र प्रिंटर के उपयोग:

    - कार्यालय: दस्तावेज़, रिपोर्ट और प्रस्तुतियों की प्रिंटिंग।
    - शैक्षिक संस्थान: असाइनमेंट और नोट्स की प्रिंटिंग।
    - व्यवसाय: इनवॉइस, लेटरहेड और अन्य व्यवसायिक दस्तावेज़।
    - घरेलू उपयोग: उच्च गुणवत्ता वाले होम प्रिंटिंग के लिए।

    लेज़र प्रिंटर अपने तेज, उच्च गुणवत्ता वाले आउटपुट और बड़ी प्रिंटिंग मात्रा को संभालने की क्षमता के कारण व्यापक रूप से अपनाए गए हैं।

    प्लॉटर 

    प्लॉटर एक आउटपुट डिवाइस है जिसका उपयोग बड़े प्रारूप के ग्राफिक्स और डिजाइनों को प्रिंट करने के लिए किया जाता है। प्लॉटर सामान्यतः तकनीकी ड्रॉइंग, आर्किटेक्चरल ब्लूप्रिंट, इंजीनियरिंग डिजाइन, और बड़े पोस्टरों के लिए उपयोग होते हैं। यह उपकरण कागज पर ग्राफिक्स को आकर्षित करने के लिए पेन, पेंसिल, मार्कर, या अन्य लेखन उपकरण का उपयोग करते हैं।

    प्लॉटर
    प्लॉटर 


    प्लॉटर के प्रकार

    1. फ्लैटबेड प्लॉटर: यह प्रकार फ्लैट सतह पर काम करता है और कागज को स्थिर रखते हुए पेन को ऊपर-नीचे और बाएँ-दाएँ मूव करता है।
    2. ड्रम प्लॉटर: इसमें कागज एक घूमते हुए ड्रम पर चढ़ा होता है और पेन लंबवत और क्षैतिज दोनों दिशाओं में मूव करता है।
    3. इंकजेट प्लॉटर: यह प्लॉटर इंकजेट प्रिंटर की तरह काम करता है और छोटे डॉट्स के रूप में इंक का उपयोग करके प्रिंट करता है।

    प्लॉटर के उपयोग

    - इंजीनियरिंग और आर्किटेक्चर: बड़े पैमाने पर डिज़ाइन और ब्लूप्रिंट प्रिंट करना।
    - विज्ञापन और मार्केटिंग: बड़े पोस्टर और बैनर बनाना।
    - कपड़ा उद्योग: कपड़ों के पैटर्न डिज़ाइन करना।
    - मानचित्रण: विस्तृत और बड़े मानचित्र प्रिंट करना।

    प्लॉटर की विशेषताएँ

    - उच्च गुणवत्ता: प्लॉटर उच्च रिज़ॉल्यूशन और सटीकता के साथ प्रिंट करते हैं।
    - बड़े प्रारूप: यह बड़े आकार के कागज पर प्रिंट कर सकते हैं।
    - विविध सामग्री: कागज के अलावा, प्लॉटर अन्य सामग्री जैसे वीनाइल और फैब्रिक पर भी प्रिंट कर सकते हैं।

    प्लॉटर का उपयोग मुख्य रूप से उन क्षेत्रों में किया जाता है जहां बड़े और विस्तृत ग्राफिक्स की आवश्यकता होती है, और यह उपकरण उच्च सटीकता और विस्तार के साथ प्रिंट करने के लिए जाना जाता है।

    3डी प्रिंटर

    3D प्रिंटिंग, जिसे एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग भी कहा जाता है, एक उन्नत तकनीक है जो डिजिटली डिजाइन की गई वस्तुओं को भौतिक रूप में बनाने के लिए सामग्री को परत दर परत जोड़ती है। यह प्रक्रिया तीन मुख्य चरणों में बंटी होती है: डिज़ाइनिंग, स्लाइसिंग, और प्रिंटिंग। कंप्यूटर एडेड डिज़ाइन (CAD) सॉफ़्टवेयर का उपयोग करके 3D मॉडल तैयार किया जाता है, जिसे फिर स्लाइसिंग सॉफ़्टवेयर के माध्यम से पतली परतों में काटा जाता है। अंत में, 3D प्रिंटर इन परतों को जोड़कर वास्तविक वस्तु बनाता है।

    3D प्रिंटिंग के प्रमुख प्रकारों में FDM (Fused Deposition Modeling), SLA (Stereolithography), और SLS (Selective Laser Sintering) शामिल हैं। यह तकनीक प्रोटोटाइप निर्माण, औद्योगिक उपकरण, स्वास्थ्य क्षेत्र में कस्टम मेडिकल इम्प्लांट्स, शिक्षा, अनुसंधान, और उपभोक्ता उत्पादों के निर्माण में व्यापक रूप से उपयोग होती है। 3D प्रिंटिंग ने नवाचार को बढ़ावा दिया है और उत्पादन प्रक्रियाओं को अधिक कुशल और अनुकूल बनाया है।
    3डी प्रिंटर
    3डी प्रिंटर

    ऑडियो आउटपुट डिवाइस

    शब्द "ऑडियो आउटपुट डिवाइस" किसी भी उपकरण को संदर्भित करता है जो ध्वनि चलाने के उद्देश्य से कंप्यूटर से जुड़ा होता है। 

    ऑडियो आउटपुट डिवाइस के प्रकार:-

    1. स्पीकर 

    2. हेडफ़ोन

    3. साउंड कार्ड

    Conclusion/निष्कर्ष

    अंत: , इस ब्लॉग में आउटपुट डिवाइस और उनके कामकाज का संक्षिप्त विवरण दिया गया है, डिवाइस इस प्रकार हैं

    मॉनिटर और उनके प्रकार

    प्रिंटर और उनके प्रकार

    प्रोजेक्टर और उनके प्रकार

    प्लॉटर और उनके प्रकार

    संक्षेप में, मैं कह सकता हूं कि ये विषय कंप्यूटर के फंडामेंटल ऑफ़ कंप्यूटर से संबंधित हैं और उन लोगों के लिए बहुत उपयोगी हैं जो विभिन्न विश्वविद्यालयों से बीसीए, पीजीडीसीए, डीसीए, 'ओ' स्तर के पाठ्यक्रम कर रहे हैं। 

    मुझे आशा है कि यह ब्लॉग आपको सीखने में बहुत मदद करेगा....

    Frequently Asked Question(FAQ)

    आउटपुट डिवाइस क्या हैं?

    आउटपुट डिवाइस का उपयोग कंप्यूटर से संसाधित की गई जानकारी को आउटपुट करने के लिए किया जाता है। ।

    प्रोजेक्टर क्या है?

    प्रोजेक्टर एक ऑप्टिकल डिवाइस है जो कंप्यूटर, डीवीडी प्लेयर, ब्लू-रे प्लेयर, या अन्य वीडियो स्रोत से वीडियो सिग्नल प्राप्त करके उसे बड़ी स्क्रीन या सतह पर प्रदर्शित करता है।

    वीडियो कार्ड क्या है?

    वीडियो कार्ड, जिन्हें ग्राफिक्स कार्ड या डिस्प्ले एडाप्टर भी कहा जाता है, कंप्यूटर के महत्वपूर्ण घटक होते हैं जो छवियों, वीडियो, और ग्राफिकल उपयोगकर्ता इंटरफेस का रेंडरिंग संभालते हैं।

    प्रिंटर क्या है?

    प्रिंटर एक आउटपुट डिवाइस है जो डिजिटल डेटा को कागज पर टेक्स्ट और ग्राफिक्स के रूप में प्रिंट करता है।

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